वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक - 21 फरवरी 2023
🌤️ दिन - मंगलवार
🌤️ विक्रम संवत - 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन - उत्तरायण
🌤️ ऋतु - वसंत ॠतु
🌤️ मास - फाल्गुन
🌤️ पक्ष - शुक्ल
🌤️ तिथि - प्रतिपदा सुबह 09:04 तक तत्पश्चात द्वितीया
🌤️ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 09:00 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
🌤️योग - सिध्द 22 फरवरी रात्रि 03:08 तक तत्पश्चात साध्य
🌤️ राहुकाल - शाम 03:46 से शाम 05:13 तक
🌞 सूर्योदय- 07:06
🌦️ सूर्यास्त - 18:38
👉 दिशाशूल - उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण - चंद्र - दर्शन ( शाम 06:39 से रात्रि 07:51 तक),द्वितीया क्षय तिथि
🔥 विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 वसंत ऋतू में विशेष उपयोगी कफनाशक पेय 🌷
➡ (वसंत ऋतू : 19 फरवरी से 19 अप्रैल 2023)
👉🏻 आधा लीटर पानी में ३ से ५ तेजपत्ते, २ इंच अदरक के १ या २ टुकड़े (काट के ) और ३ – ४ लौंग डाल के १० – १५ मिनट उबालें | ठंडा होने पर छान के २ चम्मच शहद मिलाकर रख लें | इसे दिन में तीन – चार बार आधा कप गुनगुने पानी में थोडा-थोडा डाल के पिये | बिना शहद मिलाये मधुमेह में भी ले सकते हैं |
👉🏻 लाभ: यह प्रयोग रुचिवर्धक, पाचक, रक्तशोधक, व उत्तम कफशामक है | सर्दी, जुकाम और खाँसी में लाभदायी है | वसंत ऋतू में कफजन्य समस्याएँ ज्यादा होती हैं अत: इन दिनों में यह विशेष उपयोगी है | इसमें लौंग होने से यह प्रयोग श्वासनली में जमा कफ को आसानी से बाहर निकालता है | अदरक वायरस से लड़ने में सहायक है |
🌞 ~ Vedic Panchang🌞
🌷 वसंत ऋतु में क्या करें क्या न करें 🌷
👉🏻 19 फरवरी से 19 अप्रैल तक क्या करें
✅ 1] कड़वे, तीखे, कसैले, शीघ्र पचनेवाले, रुक्ष (चिकनाईरहित) व उष्ण पदार्थों का सेवन करें | (अष्टांगह्रदय, योगरत्नाकर )
✅ 2] पुराने जौ तथा गेहूँ की रोटी, मूँग, साठी चावल, करेला, लहसुन, अदरक, सूरन, कच्ची मूली, लौकी, तोरई, बैंगन, सोंठ, काली मिर्च, पीपर, अजवायन, राई, हींग, मेथी, गिलोय, हरड, बहेड़ा, आँवला आदि का सेवन हितकारी है |
✅ 3] सूर्योदय से पूर्व उठकर प्रात:कालीन वायु का सेवन, प्राणायाम, योगासन - व्यायाम, मालिश, उबटन से स्नान तथा जलनेति करें |
✅ 4] अंगारों पर थोड़ी-सी अजवायन डालकर उसके धूएँ का सेवन करने से सर्दी, जुकाम, कफजन्य सिरदर्द आदि में लाभ होता है |
✅ 5] २ से ३ ग्राम हरड चूर्ण में समभाग शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से रसायन के लाभ प्राप्त होते हैं |
👉🏻 18 फरवरी से 19 अप्रैल तक क्या न करें
❌ 1] खट्टे, मधुर, खारे, स्निग्ध (घी – तेल से बने), देर से पचनेवाले व शीतल पदार्थो का सेवन हितकर नहीं है, अत: इनका सेवन अधिक न करें | (अष्टांगह्रदय, चरक संहिता )
❌ 2] नया गेहूँ व चावल, खट्टे फल, आलू, उड़द की दाल, कमल – ककड़ी, अरवी, पनीर, पिस्ता, काजू, शरीफा, नारंगी, दही, गन्ना, नया गुड़, भैस का दूध, सिंघाड़े, कटहल आदि का सेवन अहितकर है |
❌ 3] दिन में सोना, ओस में सोना, रात्रि – जागरण, परिश्रम न करना हानिकारक है | अति परिश्रम या अति व्यायाम भी न करें |
❌ 4] आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स व फ्रिज के ठंडे पानी का सेवन न करें |
❌ 5] एक साथ लम्बे समय तक बैठे या सोयें नहीं तथा अधिक देर तक व ठंडे पानी से स्नान न करें |