मास: पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)
पक्ष: शुक्ल
तिथि: अष्टमी शाम 03:50 तक तत्पश्चात नवमी/li>
नक्षत्र: अश्विनी शाम 03:37 तक तत्पश्चात भरणी
योग: साध्य रात्रि 08:25 तक तत्पश्चात शुभ
राहुकाल: दोपहर 02:13 से शाम 03:36 तक
सूर्योदय: 07:19
सूर्यास्त: 18:20
दिशाशूल: दक्षिण दिशा में
विशेष: अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34), अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
Diabetes( मधुमेह) नियंत्रित करने के लिए Diabetes नियंत्रित करने के लिए सुबह १/२ किलो कच्चा करेला टुकड़े – टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से १/२ से ३/४ घंटे तक तक कुचलें जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l ७-१० दिन तक ये प्रयोग करें l इससे Diabetes नियंत्रित होती है l
👉🏻 हो सके तो इन दिनों में मेथी की सब्जी खाए या मेथी के दाने रात को भिगा दे और सुबह खाए | इससे लाभ होगा |
होंठ फटने पर नाभि में सरसों के तेल की २-४ बूंदे डालें तथा जरा से मक्खन में नमक मिलाकर होंठों पर लगायें इससे लाभ होता है l।
राग और ताल की महिमा राग और ताल सुनने से बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं
🎼 राग मारवा और राग भोपाली से आंतों की बीमारियाँ दूर होती हैं l
🎼 राग आसारी से मस्तक के रोग दूर होते हैं l
🎼 राग भैरवी से सिरदर्द ठीक होने लगता है l
🎼 राग सोहनी से सिरदर्द और मरुरज्जू (रीड़ की हड्डी में जो मनके घिस गए, वो ठीक होने लगते हैं l)
🎼 राग वसंत और राग सोरट से नपुंसकता दूर हो जाती है l