27 JANAUARY 2021 PANCHANG

27 JANAUARY 2021 PANCHANG

  • दिनांक: 27 जनवरी 2021
  • दिन: बुधवार
  • विक्रम संवत: 2077
  • शक संवत: 1942
  • अयन: उत्तरायण
  • ऋतु: शिशिर
  • मास: पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)
  • पक्ष: शुक्ल
  • तिथि: चतुर्दशी 28 जनवरी रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात पूर्णिमा/li>
  • नक्षत्र: पुनर्वसु 28 जनवरी प्रातः 03:49 तक तत्पश्चात पुष्य
  • योग: विष्कम्भ रात्रि 08:57 तक तत्पश्चात प्रीति
  • राहुकाल: दोपहर 12:52 से दोपहर 02:15 तक
  • सूर्योदय: 07:18
  • सूर्यास्त: 18:24
  • दिशाशूल: उत्तर दिशा में
  • व्रत पर्व विवरण
  • विशेष: चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
  • पुष्य नक्षत्र योग 28 जनवरी 2021 गुरुवार को सूर्योदय से 29 जनवरी प्रातः 03:51 तक गुरुपुष्यामृत योग है ।
    🙏🏻 १०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
    ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |
  • कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में
    बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें|
  • 🌷 गुरुपुष्यामृत योग
    ‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |
    🙏🏻 इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)
  • Hindu Panchang

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