असली तीर्थ….एक संत को सुबह-सुबह सपना आया। सपने में सब तीर्थों में चर्चा चल रही थी की कि इस कुंभ के मेले में सबसे अधिक किसने पुण्य अर्जित किया।
चीरहरण लीला और वरदान प्राप्ति…..अरुणोदय की बेला में प्रतिदिन एक साथ भगवान् के गुण को गाती हुई गोपियों का समूह श्री यमुनाजी में स्नान करने गयी.
पापमोचनी एकादशी, पौराणिक एवं प्रामाणिक कथा