मास: पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)
पक्ष: शुक्ल
तिथि: द्वादशी रात्रि 12:24 तक तत्पश्चात त्रयोदशी/li>
नक्षत्र: मॄगशिरा 26 जनवरी रात्रि 01:56 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
योग: इन्द्र रात्रि 10:29 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल: सुबह 08:41 से सुबह 10:04 तक
सूर्योदय: 07:19
सूर्यास्त: 18:23
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण
विशेष: द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा* आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 26 जनवरी 2021 को रात्रि 01:12 से प्रातः 03:12 तक अर्थात् 27 जनवरी 2021 01:12 AM से 03:12 AM तक) प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |