मास: पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)
पक्ष: शुक्ल
तिथि: षष्ठी सुबह 10:58 तक तत्पश्चात सप्तमी/li>
नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद सुबह 09:55 तक तत्पश्चात रेवती
योग: शिव रात्रि 06:49 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहुकाल: शाम 03:35 से शाम 04:58 तक
सूर्योदय: 07:19
सूर्यास्त: 18:19
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
विशेष: षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 मन की शान्ति मोर पंख आसन के नीचे रखने से मन में शान्ति मिलती है, ध्यान भजन में मन लगता है ।l
🌷 🌷 बुधवारी अष्टमी ➡ 20 जनवरी 2021 बुधवार को (दोपहर 01:16 से 21 जनवरी सूर्योदय तक) बुधवारी अष्टमी है ।
👉🏻 मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि
🙏🏻 सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
🙏🏻 इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)l।
🌷 🌷 बच्चों का रोना रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये। l।
रोगियों के रोग हरने के लिए मंत्र जप सेवा 🌷
भोजन के पहले और बाद में भोजन के पहले और बाद में चिंता की बात न सुनो, न सुनाओ; किसी को दुःख की बात सुनानी हो तो देर से सुनाओ, जरा बुद्धिमानी से सुनाओ; दुःख सहने की शक्ति भरते हुए उसे दुःख की बात बताओl।