मास: पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)
पक्ष: शुक्ल
तिथि: प्रतिपदा सुबह 09:01 तक तत्पश्चात द्वितीया/li>
नक्षत्र: श्रवण 15 जनवरी प्रातः 05:05 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
योग: वज्र रात्रि 10:06 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहुकाल: दोपहर 02:10 से शाम 03:33 तक
सूर्योदय: 07:19
सूर्यास्त: 18:15
दिशाशूल: दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण: मकर संक्रांति (पुण्यकाल सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक) चन्द्र दर्शन, हरिद्वार कुंभ स्नान
विशेष: विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
उत्तरायण / सूर्य मंत्र: इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है ।
सूर्य देव का मूल मंत्र है —
ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।
ये पद्म पुराण में आता है ….
सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |
ॐ सूर्याय नमः ।
ॐ रवये नमः ।
ॐ भानवे नमः ।
ॐ खगाय नमः ।
ॐ अर्काय नमः ।
सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।
विशेष -14 जनवरी 2021 गुरुवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक ) है ।