माघ कृष्ण चतुर्थी – संकष्टी चतुर्थी – संकट चौथ
फक्कड बाबा…एक फक्कड बाबा थे, किसी गाँव के बाहर वृक्ष के नीचे बैठे थे. दिखने में हट्टे-कट्टे थे. बाबा बोले जा रहे थे
प्रभुजी का हंसता मुख | एक परिवार में सास और बहु थे। जो सास थी वो रोज ठाकुरजी की पूजा करती थी बड़े ही नियम और ध्यान से।