10 July 2022 Panchang

10 July 2022 Panchang

  • वैदिक पंचांग | aaj ka panchang today panchang drik panchang panchang
  • दिनांक – 10 जुलाई 2022
  • दिनांक – 10 जुलाई 2022
  • दिन – रविवार
  • विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
  • शक संवत -1944
  • अयन – दक्षिणायन
  • ऋतु – वर्षा ऋतु
  • मास -आषाढ़
  • पक्ष – शुक्ल
  • तिथि – एकादशी दोपहर 02:13 तक तत्पश्चात द्वादशी
  • नक्षत्र – विशाखा सुबह 09:55 तक तत्पश्चात अनुराधा
  • योग – शुभ रात्रि 12:45 तक तत्पश्चात शुक्ल
  • राहुकाल – शाम 05:44 से शाम 07:24 तक
  • सूर्योदय – 06:04
  • सूर्यास्त – 19:23
  • दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
  • व्रत पर्व विवरण – देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रत आरंभ, पंढरपुर यात्रा
  • विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
  • आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
  • एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
  • एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
  • जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • देवशयनी एकादशी
  • 09 जुलाई 2022 शनिवार को शाम 04:40 से 10 जुलाई, रविवार को दोपहर 02:13 तक एकादशी है।
  • विशेष – 10 जुलाई, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
  • देवशयनी एकादशी का व्रत महान पुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करनेवाले, सब पापों को हरनेवाला है ।

  • 🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

  • सोमप्रदोष व्रत 🌷
  • हिंदू पंचांग panchang के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। सोमवार को प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि हो तो उसे सोमप्रदोष कहा जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 11 जुलाई, सोमवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
  • ऐसे करें व्रत व पूजा
  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
  • इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
  • पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
  • भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
  • भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • ये उपाय करें
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।