शंका : ग्रहण के सूतक काल में सोना चाहिए या नहीं ?

By heygobind Date June 20, 2020

शंका : ग्रहण के सूतक काल में सोना चाहिए या नहीं ?
समाधान : सो सकते हैं लेकिन चूंकि सोकर तुरंत उठने के बाद जल-पान, लघुशंका-शौच आदि की स्वाभाविक प्रवृत्ति की आवश्यकता पड़ती है अतः ग्रहण प्रारम्भ होने के करीब 4 घंटें पहले उठ जाना चाहिए जिससे लघुशंका-शौच आदि की आवश्यकता होने पर इनसे निवृत्त हो सके ग्रहणकाल में समस्या न आये।

शंका : सूतक काल में खाने का त्याग करना है तो पानी पी सकते हैं या नहीं ?
समाधान : इसमें अलग-अलग विचारकों का अलग-अलग मत है । कुछ जानकार लोगों का कहना है कि चूंकि सूतक का समय-अवधि अधिक होने से 12 घंटें का सूतक एवं लगभग 3.5 घंटें ग्रहण का समय टोटल 15.5 घंटें बिना जल-पान का रहना सामान्य तौर पर सबके लिए सम्भव नहीं है अतः सूतक काल में सूतक लगने के पूर्व जल में तिल या कुशा डालकर रखना चाहिए और सूतक के दौरान प्यास लगने पर वही जल पीना चाहिए । इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल-पान के बाद 2 से 4 घंटों के अंदर लघुशंका (पेशाब) की प्रवृत्ति होती है अतः ग्रहण प्रारम्भ होने के 4 घंटे पूर्व से जलपान करने से भी बचना चाहिए नहीं तो ग्रहण के दौरान समस्या आती है ।

शंका : सूतक में स्नान, पेशाब & शौच कर सकते हैं या नहीं?
समाधान : कर सकते हैं।

शंका : ग्रहणकाल में धूप, दीप, अगरबत्ती, कपूर जला सकते हैं या नहीं?
समाधान : जला सकते हैं।
शंका : ग्रहणकाल के दौरान अध्ययन कर सकते हैं क्या?
समाधान : बिल्कुल नहीं । नारद पुराण के अनुसार - ‘‘चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दिन, उत्तरायण और दक्षिणायन प्रारम्भ होने के दिन कभी अध्ययन न करे । अनध्याय (न पढ़ने के दिनों में) के इन सब समयों में जो अध्ययन करते हैं, उन मूढ़ पुरुषों की संतति, बुद्धि, यश, लक्ष्मी, आयु, बल तथा आरोग्य का साक्षात् यमराज नाश करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *