गर्मियों में खरबूजा बहुत ही गुणकारी फल हैं। गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती हैं जिसको पूरा करने के लिए ईश्वर ने खरबूजा जैसे फल दिए हैं।
खरबूजा पानी की कमी को तो दूर करता हैं साथ में कई और समस्याओं को भी दूर करता हैं। खरबूजा विटामिन का अच्छा स्रोत है।
आयुर्वेद में खरबूजा शीतल, बल-वीर्यवर्धक, स्निग्ध, पेट एवं आँतों की शुद्धि करनेवाला और वायु - पित्त शामक होता है । खरबूजा के बीज मूत्रजनक, शीतल, और बलवर्धक होते हैं।
हृदयरोग, हाई बी.पी. और रक्त-संचारसंबंधी रोगों में खरबूजा बहुत ही लाभकारी होता हैं। यदि कोई शारीरिक श्रम करता हैं तो उसके बाद इसको खाने से सारी थकान मिट जाती हैं और तृप्ति मिलती है । नित्य खरबूजे के सेवन से पेशाब भी खुलकर आता है और पेशाब की मात्रा भी बढ़ती है । अतः खरबूजा पथरी और गुर्दे संबंधी रोगों को ठीक करने में सहायक हैं । हमारे शरीर की आँतों में चिपके मल को खरबूजा बाहर निकालता है । खरबूजा आँखों और त्वचा को स्वस्थ भी रखता है । नेत्रज्योति और रोगप्रतिरोधकता को बढ़ाता है ।
खरबूजे के छिलकारहित होकर बीजों को बारीक पीस के देशी घी में भून ले और इसमें मिश्री मिला के खाने से पागलपन, सुस्ती, आलस्य, चक्कर आना आदि विकारों में लाभ होता है ।
खरबूजे से सम्बिन्धत सावधानियाँ : 1. खरबूजे को ठंडा करे और संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से हानि हो सकती हैं।
खरबूजे को किसी अन्य आहार के साथ नहीं खाना चाहिए। खारे रसवाले, खट्टे तथा रासायनिक ढंग से पके हुए खरबूजे का सेवन कदपि न करें ।
सुबह के समय खाली पेट खरबूजा नहीं खाना चाहिए। खरबूजा खाने के बाद तुरंत पानी न पीना चाहिए।