१. हर रोज सुबह बच्चो को प्यार से जगाना चाहिए और बासी मुँह पानी पीने की आदत डालें |
२. बच्चो को कदापि चाय नहीं देनी चाहिए उनको ताजा दूध उबाल कर देना चाहिए। प्रोटीन और कैलिशयम से भरपूर दूध आपके बच्चो के विकास के लिए अति अवश्यक हैं।
3. सुबह के समय नाश्ते में सदैव परांठे, तले, बसी खाना, बाजारी खाना नहीं खाना चाहिए उसके अपेक्षा अंकुरित मूँग, मोठ व चने की चाट या मौशमी फल खाना चाहिए। चाट में हरा धनिया, नारियल, टमाटर, हल्का सा नमक और जीरा डालना चाहिए। यह चाट विटामिन ई की कमी को पूरा करता हैं और चेहरे में रौनक को बढ़ता हैं।
४- जो भी हम सब्जियां बाज़ार से लाते हैं उनको पहले बालटी भर के पानी से धो लेना चाहिए। उनको छिलका उतारते समय पतले छिलके उतरना चाहिए क्योंकि छिलके व गुदे के बीच की पतली परत ‘विटामिन बी’ से भरपूर होती है |
५- हम मिर्च मसाले सहित सब्जी को आग में अधिक पकाते है और जिसके कारण उसके अदिकतर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, पत्तेदार सब्जी जैसे पालक, चौलाई, मेथी आदि का उपयोग करना चाहिए इसमें मिलने वाले लोह (आयरन) और खनिज लवणों (मिनरल साँल्ट्स) की कमी दूर हो जाती हैं।
6. चावल को बनाते समय उसका मांड को नहीं निकलना चाहिए।
७- अगर हो सके तो चोकरयुक्त रोटी को खाना चाहिए अथवा आटे को बड़े छेदवाली छन्नी से ही छानें |
८- सदैव सभी खट्टे फल को कच्चा ही खाना चाहिए क्योंकि आँवले के सिवाय सभी खट्टे फलों का ‘विटामिन सी’ गर्म करने पर
समाप्त हो जाता है |
९. भोजन करते समय सलाद का प्रयोग करना चाहिए जिसमे टमाटर, गाजर, मूली, चुकंदर, पत्ता गोभी आदि हो। ये हमारे आँतों की गति को नियमित रखकर कब्ज को दूर करते हैं।
१०. प्रत्येक रोज कम से कम डेढ़ से २ लीटर पानी पीना चाहिए।
११. बच्चों को चॉकलेट, बिस्कुट की जगह मूंगफली, गुड़ या तिल की पट्टी चिक्की बनाकर दें | गुड़ की मीठी व नमकीन पूरी बनाकर भी दे सकते है |
१२. जब भी हम भोजन करते हैं तो हो सके तो परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करे। साथ में भोजन करने से पुरे परिवार में आपसी प्रेम व सौहार्द की वृद्धि तथा समय की बचत होती है |
अपने जीवन में जितना हो सके उपरोक्त बातों को उतरना चाहिए।