गर्मियों में जौ और चने का सत्तू बहुत ही लाभदायी होता है । यह वजन बढ़ाने में सहायक, बल वीर्यवर्धक, तृप्तिकारक, प्यास व कफ पित्त शामक, एवं आँखों के रोगों में लाभदायक होता हैं । जब हम धुप, या चलने के कारण थकावट हो जाती हैं एवं व्यायाम करनेवालों के लिए हितकारी हैं।
सत्तू बनाने की विधि : चने को भून के छिलके अलग कर देना चाहिए । चने की अपेक्षा एक चौथाई भुने जौ मिलाकर पीस कर सत्तू तैयार कर लेना चाहिए। सत्तू में शीतल जल, मिश्री तथा और अगर हो सके तो थोड़ा घी मिलाकर, न बहुत अधिक गाढ़ा न अधिक पतला घोल बना लेना चाहिए ।
विशेष सावधानी : भोजन करने के बाद, बिना मिश्री और जल मिलाये, रात में, बहुत अधिक मात्रा में, गर्म करके, एक बार सत्तू खाने के बाद फिर सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।