प्राणायाम करने के लाभः प्राणायाम करने से आरोग्यता, प्रसन्नता आदि  बढ़ जाती हैं

By heygobind Date March 25, 2020

प्राणायाम करने के लाभः i . प्राणायाम करने से और गहरे श्वास लेने के कारण फेफड़ों के बंद छिद्र खुल जाते है और  रोग-प्रतिकारक शक्ति भी बढ़ जाती हैं। प्राणायाम से रक्त, नाड़ी और मन भी शुद्ध हो जाता हैं। ii. त्रिकाल (तीन समय) संध्या के समय लगतार चालीस दिन तक 11 -12  प्राणायाम करने से आरोग्यता, प्रसन्नता आदि  बढ़ जाती हैं और स्मरणशक्ति का विकास भी हो जाता हैं। iii. प्राणायाम करने के कारण पाप कट जाते हैं। जैसे मेहनत के करने से कंगाली नहीं रह सकती उसी प्रकार प्राणायाम करने से पाप नहीं रह पाते। प्राणायाम में श्वास को अंदर, रोकना और छोड़ने का एवं बाहर रोकने के समय का प्रमाण इस प्रकार हैं ; 1-4,-2-2 अर्थात यदि 5 सैकेण्ड श्वास लेने में लगे तो  तो 20 सैकेण्ड रोकें और 10 सैकेण्ड श्वास छोड़ने में लगाएं और 10 सैकेण्ड उसको बाहर रोक कर  रोके यह बहुत सही अनुपात है। नित्य अभ्यास के कारण  इस स्थिति को प्राप्त किया जा सकता है। प्राणायाम में प्रमुख-प्रमुख अंगः 1. रेचकः  श्वास को बाहर की ओर छोड़ देना। 2. पूरकः श्वास को भीतर  की ओर लेना। 3. कुंभकः श्वास को रोकना। श्वास को भीतर की ओर रोकने कि क्रिया को आंतर कुंभक और बाहर की ओर रोकने की क्रिया को बहि-र्कुंभक कहते हैं। विद्यार्थियों के लिए  उपयोगी प्राणायाम 1.अनलोम विलोम प्राणायामः  सर्वप्रथम दोनों नथुनों का  पूरा श्वास बाहर निकाल देना चाहिए। इसके बाद दाहिने हाथ के अँगूठे से नाक के दाहिने नथुने को बन्द करके बाँए नथुने से सुखपूर्वक दीर्घ श्वास लेना। यथाशक्ति श्वास को रोक कर रखना चाहिए। उसके बाद बाँए नथुने के मध्यमा अँगुली से बन्द करके श्वास को दाहिने नथुने से धीरे-धीरे छोड़ना चाहिए। इस प्रकार श्वास के पूरा बाहर निकाल देना चाहिए और उसके बाद दोनों नथुनों को बन्द करके श्वास को कुछ समय बाहर ही सुखपूर्वक रोके रखें। और पुनः दाहिने नथुने से श्वास को लेना चाहिए फिर थोड़े समय तक रोककर बाँए नथुने से श्वास को धीरे-धीरे छोड़ना चाहिए। जब पूरा श्वास बाहर निकल जाये उसके बाद कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए। 

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