आवश्यक मंत्र | हम जब भी सुबह उठते हैं तो सबसे पहले हमें अपने दोनों हथेलियों को देखकर ये मन्त्र बोलना चाहिए

By heygobind Date January 28, 2019

१. हम जब भी सुबह उठते हैं तो सबसे पहले हमें अपने दोनों हथेलियों को देखकर ये मन्त्र बोलना चाहिए कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥ हमारे हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी जी, बीच में सरस्वती और मूलभाग में गोविन्द का निवास है। 2. हम जब सुबह सो के उठते है और धरती पर पैर रखते है तो हमको धरती माता की वंदना करते हुए ये श्लोक बोलना चाहिए। समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते । विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ।। 3. त्रिदेव के साथ नवग्रह स्मरण मन्त्र ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥ 4. जब हम स्नान करते है तो उसका मन्त्र गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥ 5. हम जब भी ज्योत जलाते है तो ये मन्त्र अवश्य बोलना चाहिए शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा । शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते ॥ 6. आदिशक्ति की वंदना के लिए ये मन्त्र है सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥ 7. भगवान शिव की स्तुति के लिए ये मन्त्र है कर्पूर गौरम करुणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्र हारं। सदा वसंतं हृदयार विन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि॥ 8. भगवान विष्णु जी की स्तुति के लिए ये मन्त्र है शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् , वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥ 9. किसी भी कार्य के अंत में ये मन्त्र बोलना चाहिए ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ और भी मन्त्र समय समय पर जुड़ते रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *