आदर्श दिनचर्या खुद बनायें कॉपी में सारे नियम लिख लें :-
रात्रि 9 -11 के बीच में सो जाना है
सुबह 4-5 के बीच उठना
नींद में से उठने के बाद 2-3 मिनट शांत बैठे
जिस समय गुरूजी अपने नियम में बैठते हों उस समय शिष्य भी नियम में बैठे इससे अत्यधिक लाभ होगा
प्राणायाम 4 बजे से 6 बजे के बीच में करने हैं 👇🏼
अलोम विलोम 5-10 वज्रासन में बाह्य कुम्भक 40 sec 3-4
जो स्वास् चल रहा हो वो पैर धरती पर रखें अगर right स्वास् चल रहा हो तो 3 बार राईट साइड वाला पैर आगे रखें अगर लैफ्ट साइड वाला स्वास् चल रहा हो तो 4 बार लेफ्ट पैर आगे रखें
अपने शरीर को खूब खीचें ताकि आत्मा की शांति सामर्थ्य शरीर के हर अंग तक जाये कुत्ते बिल्ली बासी रुखा सुखा खाने पर भी बहुत फुर्तीलें होते हैं क्यू की वे अपने शरीर को खूब खीचते हैं
सुर्योदय के बाद पानी पीयें 1 लीटर या अपनी क्षमता अनुसार
सुबह की सन्ध्या जरूर करें अधिक जानकारी के लिए पेज के मेसज से मेसज करें
अगर सूर्योदय से पहले स्नान करना हो तो थोडा उजाला होने दें
स्नान के पहले सूर्य स्नान करें तो ज्यादा फायदा होगा
सूर्य स्नान 8 मिनट पेट की तरफ 10 मिनट पीठ की तरफ नाभि पर धुप लगनी चाहिये
ये स्नान के बाद भी कर सकते हैं ठण्ड में ज्यादा समय भी कर सकते हैं
सूर्य को अर्ग्य रोज दे
तुलसी में अरधेय दें तो उसके पत्तों का पानी सिरबी पर लगाएं टीका लगायें
तिलक रोज लगाएं धुप या दीपक रोज जलाएं
जिन्होंने गुरुमंत्र लिया है माला नियम 11 माला रोज करें
ॐ का 3 मिनट जप
गीता पढ़े
जितना हो सके पूरा दिन मौन रहें बोलना पड़े तो कम बोलें
एकांत में रहें ज्यादा किसीसे मिलें अपने अंतर्यांमी को कभी दुखी नहीं होने देना
दुखी होना पाप है
प्रस्सन रहना सम रहना महा पूण्य
tv कम देखें या न देखें
मोबाईल में गेम बिलकुल न खेलें न ही मोबाईल में वीडियो देखें
सात्विक आहार करें
सुबह 7-9 के बीच दूध ले सकते हैं यदि हाथ पैर या कन्धों में दर्द और अकड़न हो तो न लें कच्चा रस पचने दें
सुबह 10-11.30 के बीच भोजन कर लें आधा -1 घण्टा पहले और बाद में पानी बिलकुल न पीयें
दोपहर की संध्या 11:50-12:10 तक 20 मिनट जप ध्यान कर लें
काम धंधे में हों तो भी मानसिक नियम कर लें
सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच कुछ न खाएं
दोपहर 3 - 5 के बीच खूब पानी पीयें और मूत्र त्याग जरूर करें
रात्रि का भोजन शाम 5-8 के बीच कर लें भोजन के बीच पानी जरूर पीयें बाद में 1 घण्टे तक न पीयें
शाम की सन्ध्या कर लें त्रिकाल सन्ध्या करने वाले को रोजी रोटी की चिंता नहीं करनी पड़ती
7-9 के बीच दूध ले सकते हैं
रात्रि को बिस्तर पर
आज जो जो अच्छा हुआ वो भगवान को अर्पण
जो गलतियां हुई उसके लिए माफ़ी मांगना
तू ही खयाल रख प्रभु हमारी गलतियां दुबारा न हों तू ही ध्यान रख
ॐ अर्यमाय नमः का 21 बार जप करेंगे
तर्जनी ऊँगली से तकिये पर अपनी माँ का नाम लिखेंगे
राग द्वेष अभिनिवेश पञ्च तत्व वाला नियम करते हुए
स्वासोस्वास् में सो जायेंगे
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