महाशिवरात्रि का व्रत

By heygobind Date February 28, 2022

महाशिवरात्रि का व्रत, पूजन, जागरण और उपवास करनेवाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है शिवरात्रि के दिन व्रत की शुरुआत ये श्लोक बोल के शुरू करें :- देव देव महादेव नीलकंठ नमोस्तुते l कर्तुम इच्छा म्याहम प्रोक्तं, शिवरात्रि व्रतं तव ll काल सर्प के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर पिसी हल्दी से स्वस्तिक बना देना....शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र चढ़ाकर जप करना और रात को ईशान कोण में मुख करके जप करना l शिवरात्रि के दिन ईशान कोण में मुख करके जप करने की महिमा विशेष है, क्योंकि ईशान के स्वामी शिव जी हैं l रात को जप करें, ईशान को दिया जलाकर पूर्व के तरफ रखें , लेकिन हमारा मुख ईशान में हो तो विशेष लाभ होगा ll 🚩 महाशिवरात्रि को कोई मंदिर में जाकर शिवजी पर दूध चढाते हैं तो ये ५ मंत्र बोलें :- ॐ हरये नमः ॐ महेश्वराए नमः ॐ शूलपानायाय नमः ॐ पिनाकपनाये नमः ॐ पशुपतये नमः 🚩शिव पूजा आराधना का एक तरीका यह है भी है कि उपवास रखकर पुष्प, पंचामृत, बिल्वपत्रादि से चार प्रहर पूजा की जाय। 🚩दूसरा तरीका यह है कि मानसिक पूजा की जाय। हम मन-ही-मन भावना करें- ज्योतिर्मात्रस्वरूपाय निर्मलज्ञानचक्षुषे। नमः शिवाय शान्ताय ब्रह्मणे लिंगमूर्तये।। 'ज्योतिमात्र (ज्ञानज्योति अर्थात् सच्चिदानंद, साक्षी) जिनका स्वरूप है, निर्मल ज्ञान ही जिनका नेत्र है, जो लिंगस्वरूप ब्रह्म है, उन परम शांत कल्याणमय भगवान शिव को हम नमस्कार करते हैं 🚩महाशिवरात्रि की रात्रि में ॐ बं, बं.... बीजमंत्र के सवा लाख जप से गठिया जैसे वायु विकारों से छुटकारा मिलता है। 🚩ॐ नमः शिवाय जप को विनियोगः करके जप करे विनियोगःअथ ॐ नमः शिवाय मंत्र। वामदेव ऋषिः। पंक्तिः छंदः। शिवो देवता। ॐ बीजम्। नमः शक्तिः। शिवाय कीलकम्। अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय मंत्र जल्दी फलीभूत होता है।*

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