➡️ १४ मई : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह १०:५३ से शाम: ५:१७ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल )
➡️ १८ मई : अपरा एकादशी (महापापों का नाश )
➡️ २६ मई : मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि १:०९ तक )
➡️ २८ मई : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह ७:२७ तक) (ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी )
➡️ २ जून : निर्जला एकादशी (व्रत से अधिक मास सहित २६ एकादशियों के व्रत का फल; स्नान, दान, जप, होम आदि अक्षय फलदायी )
➡️ ८ जून : विद्यालाभ योग (गुजरात-महाराष्ट्र छोड़कर भारतभर में )
➡️ ९ जून : मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि ७:३९ )
➡️ १४ जून : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर १२:३९ से सूर्यास्त ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६००० गुना फल )
➡️ १७ जून : योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा ८८००० ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल प्रदान करनेवाला व्रत )
➡️ २० जून : दक्षिणायन आरम्भ (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म कोटि-कोटि गुना अधिक व अक्षय फलदायी )
➡️ २१ जून : सूर्यग्रहण 📿 *ऋषि प्रसाद – मई २०२० से*