भाद्र माह में तृतीया को हरि तालिका तीज, हरि-तालिका तीज विधि और भगवती-उमा की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मंत्र

By heygobind Date August 31, 2019

भाद्र माह में तृतीया को हरि तालिका तीज का व्रत होता हैं।  2019 में  ये व्रत 01 सितंबर रविवार को है। सही विधि से हरि-तालिका तीज का व्रत करने से कन्याओं को अपने मनचाहे वर की प्राप्ति होती हैं, और जिनका विवाह हो गया ऐसे विवाहित महिलाओं को  भी अखंड सौभाग्य मिलता है। हरि-तालिका तीज व्रत की विधि इस प्रकार है-

हरि-तालिका तीज विधि

इस दिन महिलाएं  या कन्या निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालू रेत से प्रभु शिव जी व मां पार्वती का मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सखी की आकृति (प्रतिमा) बनाएं।
🏻 प्रतिमाएं बनाते समय भगवान का स्मरण करें। देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन करें। व्रत का पूजन रात भर चलता है। महिलाएं जागरण करती हैं और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को सभी प्रकार की वनस्पतियां जैसे बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण किया जाता है। आरती और स्तोत्र द्वारा आराधना की जाती है।
 भगवती-उमा की पूजा के लिए ये मंत्र बोलें-
ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
 भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-
ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:

 

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