दीपक की बत्ती ओर लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयुवृद्धि, पश्चिम की ओर दुखवृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धन-लाभ होता हैं। लौ दीपक के मध्य में रखना शुभ फलदायी हैं। दीपक के चारों और लौ प्रज्वलित करना भी शुभ हैं किन्तु यदि लौ की संख्या सम 2, 4, 6, हो तो ऊर्जा वहन की क्रिया रुक जाती हैं। लौ की संख्या विषम 1, 3, 5 रखना लाभदायक हैं।
दीपक को जलाते हुए ये मंत्र बोले
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।