गोपी का प्रेम एक गोपी यमुनातट पर बैठकर प्राणायाम और ध्यान कर रही थी। वहाँ पर नारदजी वीणा को बजाते हुए आये तो नारदजी बड़े ही ध्यान से देखने लगे की गोपी कर क्या रही है?
ब्रजदर्शन (काम्यवन धाम):- प्रेम की भाषा ब्रजदर्शन (काम्यवन धाम):- प्रेम की कोई भाषा नही होती ना प्रेम का कोई सीमित दायरा
भक्त श्री कर्मानन्द जी…..श्री कर्मानंद जी चारण कुल में उत्पन्न एक श्रेष्ठ भक्त थे,वे अपने मधुर गायन से प्रभु की सेवा करते थे।
गर्मियों में दही को जमाने, खाने की उत्तम विधि, दही का सेवन प्राय अधिकतर लोग करते हैं
श्री राम स्तुति | श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं
श्री कृष्ण और राधारानी जी के पहली बार के मिलन
पाप ले लों पाप ले लों। एक महिला बाज़ार में मटका लेकर कुछ बेच रही थी, और साथ में कह रही थी की पाप ले लो पाप
देवउठनी एकादशी 2020 | दुर्लभ फल प्राप्ति का व्रत
प्रभुजी रिश्ता | कई संत भगवान को अपना शिष्य, गुरु आदि मानते थे। एक संत वे प्रभु श्री राम को बहुत मानते थे
बुरी आदत | बाबा फरीद एक सूफी संत थे, एक बार एक व्यक्ति उनके पास आया और कहा की मुझ में बहुत से बुरी आदत है उनको मैं कैसे छोड़ू ?