ध्यान के लिए पूजाघर और मन की शांति के लिए स्वस्तिक अवश्य बनाए तथा उसके सामने आसन बिछाकर बैठे.
शयनघर में पलंग के नीचे भी जमीन पर स्वस्तिक बना सकते है. स्वस्तिक की रेखाएँ घर में उपस्तिथ ऋन्न्त्मक उर्जा को ग्रहण करके उसको धनात्मक उर्जा में परिवर्तन कर देती है. स्वस्तिक २७ नक्षत्रो की उर्जा को एकत्रित करता है
स्वस्तिक बनाने के विधि इस प्रकार है:
गोमूत्र, गंगाजल, इत्र, कुमकुम एवम हल्दी इन ५ सामग्री के मिश्रण से स्वस्तिक का चिंह बनाए. स्वस्तिक बनाते समय पूर्व से तथा उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर रेखाएँ अंकित करें और धन का चिन्ह बनायें. फिर उसको स्वस्तिक का आकर दे.
इस बात का ध्यान रखे की स्वस्तिक उल्टा न बने. स्वस्तिक की प्रत्येक दो भुजाओं के बीच तथा धन के चिन्ह दे ठीक बीच जिधर रेखा एक दुसरे को काटती हैं एक-एक बिंदी लगा दे.