ध्यान Meditation ध्यान के समान कोई तीर्थ नहीं हैं. ध्यान के समान कोई यघ नहीं हैं.

By heygobind Date January 28, 2019

नास्ति ध्यानसमं तीर्थमं, ध्यान के समान कोई तीर्थ नहीं हैं.
नास्ति ध्यानसमं दानं, ध्यान के समान कोई दान नहीं हैं.
नास्ति ध्यानसमं यग्म, ध्यान के समान कोई यघ नहीं हैं.
नास्ति ध्यानसमं तपम, ध्यान के समान कोई तप नहीं हैं.
तस्मात् ध्यानम समाचरेत., इसलिये हररोज ध्यान करना चाहिए.

सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए. नित्यकर्म स्नान आदि करके एक गरम कम्बल और यदि आसन हो तो बिछाकर बैठे. अपने सामने भगवान् का चित्र रखे. धूप दीप अगरबती आदि जलाये।

उसके बाद दोनों हाथों को ध्यान Meditation मुद्रा में घुटनों पर रखे। और थोडा गहरा श्वास लेकर उसको अन्दर रोके फिर हरी ॐ का दीर्घ उच्चारण करते हुए श्वास को धीरे धीरे बाहर छोड़े। इस प्रकार पांच बार करें।

इसके बाद आंखे बंद करके आघ्याचाक्र में प्रभु जी का ध्यान Meditation करें। प्रभु जी का ध्यान Meditation जो चित्र दे रखा है उसके अनुसार करें। कमल का ध्यान करते हुए पेरों से लेकर मुख तक ध्यान करें। इस प्रकार कम से कम १५ मिनट ध्यान करें।

इससे मन शांत रहता है, एकाग्रता व् स्मरणशक्ति बढ़ती हैं। और सबसे बड़ी बात परमपिता की प्राप्ति होती हैं।

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